इन दिनों छत्तीसगढ़ में आपराधिक घटना अपने चरम पर है
पूरा मामला दुर्ग शहर का है जहा परिचित व्यक्ति ही तीन साल की बच्ची के साथ
दुष्कर्म करने से नहीं हिचकिचाया |
पूरी घटना इस प्रकार है –
बच्ची का पिता दुर्ग इंडस्ट्रियल एरिया में काम करता था और बच्ची का मामा और उसके मामा का पडोसी भी उसी
इंडस्ट्रियल एरिया में काम करते थे ,यह घटना रक्षाबंधन के समय का है जहां उस बच्ची का परिवार और उसके मामा
रक्षाबंधन मनाकर ,बच्ची के पिता और मामा काम पर निकल जाते हैं ,उसी साम मामा का पडोसी बच्ची को
घुमाने के बहाने ले गया , बहुत देर तक अपने साथ रखा रहा , इधर बच्ची के घरवाले को चिंता होने लगी
तभी रात के करीब 11 बजे वह आदमी बच्ची को लेकर आया और हड़बड़ी में बच्ची को छोड़कर चला गया |
वह बच्ची ने अपनी माँ को गुपतांगों में दर्द होने की बात कही तभी माँ को शक हुआ ,अब वे जाकर उस व्यक्ति
के घर जाकर देखा तो पता चला की वहां पर तो ताला लगा हुआ है , इस बात पर उन्हें कन्फर्म हो गया की
वह व्यक्ति ने बच्ची के साथ गलत किया है | वह व्यक्ति रीवा मध्यप्रदेश का रहने वाला है और वह फरार है |
क्या ऐसे व्यक्ति को फांसी से कम सजा मंजूर होनी चाहिए ?
जिस तरह रायपुर के मंदिर हसौद इलाके में 11 व्यक्तियों या कहें राक्षसों ने 2 सगी बहनों के साथ दुष्कर्म
किया है , और अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं , इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता की वे अपराधी
सीधा सीधा हमारे राष्ट्र के कानून व्यवश्था को तमाचा मारते है, ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योकि जो व्यक्ति
हत्या और बलात्कार जैसे गुनाह करके चंद पैसे देकर जमानत पर छूट जाते हैं और बाहर आकर फिर से
किसी का घर बर्बाद करते हैं |
हमारे देश में शहर या देश के नाम को बदलने की नहीं बल्कि देश की कानून में थोड़ी सी बदलाव करने की जरुरत है |