यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने भारतीय कुश्ती महासंघ को विश्व स्तर पर निलंबित कर दिया है। भारतीय कुश्ती खिलाड़ियों को इससे बड़ा झटका लगा हैं। जिससे निकट भविष्य में होने वाले टूर्नामेंट में भारतीय खिलाड़ियों की भागीदारी पर भी असर हो सकता है। भारतीय कुश्ती महासंघ का निलंबित होना भारतीय पहलवानों को बहुत नुक्सान पहुंचा सकता है। भारत के कुश्ती खिलाड़ी एशियाड में भाग लेंगे, इसलिए अगर बैन नहीं हटा गया तो भविष्य में होने वाले टूर्नामेंट में भारतीय खिलाड़ी UWW के बैनर तले नहीं खेल पाएंगे। चुनाव के अलावा सदस्यता रद्द करने के कई और कारण भी हैं। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने पहले चुनाव में देरी को लेकर सस्पेंड करने की वॉर्निंग भी दी थी।
दरअसल 11 जुलाई को रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के चुनावों में असम रेसलिंग एसोसिएशन ने सबसे पहले बाधा डाली। एसोसिएशन ने हाईकोर्ट से चुनाव पर प्रतिबंध लगाया। 30 मई को, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने भारतीय कुश्ती संघ को पत्र लिखकर कहा कि अगले 45 दिनों में, यानी 15 जुलाई तक, कोई चुनाव नहीं होगा, तो यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता को छोड़ देगी। बाद में चुनाव 12 अगस्त को हुआ, लेकिन हारियाणा कुश्ती एसोसिएशन ने हारियाणा हाईकोर्ट से चुनाव करने से इनकार कर दिया। चुवान की तारीख से एक दिन पहले, 11 अगस्त को स्टे ले लिया गया। अब देखना होगा कि इस पर क्या निर्णय लिया जाएगा।
खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पदाधिकारियों को सस्पेंड कर ADHOC कमेटी बना दी थीं। भारतीय महिला पहलवानों के बृजभूषण शरण के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों लगाने के बाद कुश्ती महासंघ के नए चुनाव के लिए जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के पूर्व जज एम एम कुमार को चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया था।