हाइलाइट्स
वित्त वर्ष 2023-24 से 2027-28 के बीच 5 सालों में 13 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे
पीएम विश्वकर्मा योजना से 30 लाख पारंपरिक कारीगरों को मिलेगा सीधा लाभ
योजना के सेकंड फेज में 2 लाख रुपये तक का रियायती लोन प्रदान किया जायेगा
PM Vishwakarma Kaushal Samman Yojana: अगले साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं. इससे पहले केंद्र सरकार ने देश की बड़ी आबादी खासकर कामगारों को बड़ा रोजगार देने और उनकी किस्मत को बदलने का फैसला लिया है. दरअसल, मोदी सरकार की ओर से प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Kaushal Samman Yojana – PM VIKAS) की शुरुआत की जा रही है, जो कि करोड़ों कामगारों की किस्मत बदलने में मील का पत्थर साबित होगी. इस योजना से खासकर सबसे निचले स्तर पर मौजूद बढ़ई, मोची, धोबी जैसे कामगारों का उत्थान हो सकेगा. इस योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से की थी जिसको अगले ही दिन केंद्रीय केबिनेट ने भी अपनी मंजूरी दे दी थी.
आइए अब जानते हैं कि आखिर पीएम विश्वकर्मा योजना क्या है और इसकी कब शुरुआत होगी. केंद्र सरकार की ओर से योजना की शुरुआत अगले महीने 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर की जाएगी. एक खास कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस योजना की शुरुआत करेंगे. उस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी है. सरकार ने इस योजना को दो चरणों में बांटा है.
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कारोबार को शुरू करने के बाद जब इन कामगारों को व्यवसाय को व्यवस्थित करने और विस्तार करने के लिए पैसों की जरूरत होगी तब इस योजना के दूसरे चरण में 2 लाख रुपये तक का रियायती लोन प्रदान किया जायेगा. पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों, शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र प्रदान कर मान्यता भी दी जायेगी और पहचान पत्र भी दिया जायेगा.
इस योजना में 18 तरह के कामगारों को किया शामिल
पीएम विश्वकर्मा योजना ऐसे स्वरोजगारी लोगों के लिए है जो मशीनों का इस्तेमाल किए बिना पारंपरिक हथियारों की मदद से काम करते हैं. सरकार ने इसमें बढ़ई, नौका बनाने वाले, लोहार, हथौड़ा एवं औजार बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, पत्थर की कारीगरी करने वाले, चर्मकार, राज मिस्त्री, दरी, झाड़ू एवं टोकरी बनाने वाले, धोबी, दर्जी, मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले जैसे 18 तरह के कामगारों को शामिल किया है.
इस पर वित्त वर्ष 2023-24 से 2027-28 के बीच 5 सालों की अवधि में 13 हजार करोड़ रुपये का खर्च आयेगा तथा इससे 30 लाख पारंपरिक कारीगरों को लाभ होगा. इस योजना के दो चरण हैं, पहले चरण में कामगारों को 5 फीसदी की दर से 1 लाख रुपये का कर्ज मुहैया कराया जाएगा. वहीं, अगले चरण यानी सेकेंड फेज में यह राशि बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी जाएगी जिसका सीधा फायदा कामगारों को मिल सकेगा.
इस बीच देखा जाए तो केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से 1 फरवरी को पेश आम बजट के दौरान इस योजना की घोषणा की गई थी. इसके तहत न केवल आर्थिक मदद दी जानी है, बल्कि ट्रेनिंग, मॉडर्न टेक्नोलॉजी के बारे में बताना और ग्रीन तकनीक, ब्रांड का प्रमोशन, स्थानीय और वैश्विक बाजारों से जुड़ाव के साथ डिजिटल पेमेंट्स और सामाजिक सुरक्षा की भी बात शामिल है.
इस योजना में दो प्रकार का कौशल विकास कार्यक्रम शामिल होगा जिसमें पहला ‘बेसिक’ और दूसरा ‘एडवांस’ होगा. इस कोर्स को करने वालों को मानदेय (स्टाइपंड) भी मिलेगा. ट्रेनिंग प्राप्त करने वाले लाभार्थियों को प्रतिदिन 500 रुपये के हिसाब से मानदेय भी दिया जायेगा.
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FIRST PUBLISHED : August 25, 2023, 09:06 IST